भौतिक विज्ञान विभाग में सर सी वी रमन फिजिकल समिति के तत्वाधान में लेक्चर सीरीज का आयोजन “A Brief History of Quantum Mechanics” विषय पर दिनांक 27.11.2024 को किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रोफेसर वी. के. कटियार, प्राचार्य, ब्रह्मावर्त पी जी कॉलेज मंधना, कानपुर के द्वारा उक्त विषय को बड़े ही सरलतम तरीके से छात्र-छात्राओं को समझाया। प्रोफेसर कटियार जी द्वारा छात्र-छात्राओं को क्वांटम मैकेनिक्स के इतिहास से लेकर महत्वपूर्ण अवधारणाएं जैसे
• Relativistic Quantum Mechanics-Dirac
• Non-Relativistic Quantum Mechanics-Schrodinger
• Wave Mechanics- Schrödinger Equation
• Matrix Mechanics- Heisenberg (Operator)
• Abstract Formulation – Dirac, Using Hilbert space, Bra and Ket notation इत्यादि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।
उन्होंने बताया कि क्वांटम मैकेनिक्स लगभग सौ वर्ष पुरानी है। क्वांटम मैकेनिक्स को मोटे तौर पर हम समझते हैं कि यह केवल बहुत छोटे स्केल की प्रणालियों पर लागू होती है, लेकिन यह सच नहीं है। क्वांटम यांत्रिकी कुछ स्थूल प्रणालियों जैसे अतिचालकता (Superconductivity), क्वांटम हॉल प्रभाव (Quantum Hall effect) पर भी लागू होती है। ‘क्वांटम’ (Quantum) शब्द की उत्पत्ति इसलिए हुई क्योंकि क्लासिकल मैकेनिक्स (Classical Mechanics) के विपरीत कुछ क्वांटिटी (Quantity) केवल डिस्क्रीट वैल्यूज मान लेती हैं, हालाँकि कुछ क्वांटिटी (Quantity) अभी भी निरंतर वैल्यूज मान लेती हैं। क्वांटम मैकेनिक्स में, कणों में तरंग जैसे गुण होते हैं और श्रोडिंगर समीकरण के रूप में जाना जाने वाला विशेष तरंग समीकरण यह नियंत्रित करता है कि ये तरंगें कैसे व्यवहार करती हैं। अच्छी बात यह है कि किसी भौतिक प्रणाली पर क्वांटम मैकेनिक्स को लागू करना अपेक्षाकृत आसान है, यह पता लगाने के लिए कि यह कैसे व्यवहार करता है, हमें क्वांटम मैकेनिक्स के बारे में सभी सूक्ष्मताओं को समझने की आवश्यकता नहीं है। निष्कर्ष यह है कि क्वांटम मैकेनिक्स का उपयोग ऐसी भविष्यवाणी करने के लिए किया जा सकता है जो अभी तक विफल नहीं हुए प्रयोग के अनुरूप हैं। अंत में उन्होंने क्वांटम मैकेनिक्स के महत्व एवं उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला, साथ ही क्वांटम मैकेनिक्स में वर्तमान में हो रही रिसर्च से भी छात्र-छात्राओं को अवगत कराया। प्रोफेसर कटियार जी द्वारा भौतिक विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया गया, साथ ही यह भी बताया कि भौतिक विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करके कौन-कौन से रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। कार्यक्रम में एमएससी के 50 एवं बीएससी के 111 छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। मुख्य अतिथि का स्वागत डॉ. ओ.पी. गुप्ता जी एवं डॉ. महेंद्र कुमार जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अभिषेक जौहरी जी द्वारा एवं तकनीकी सहयोग डॉ. स्वदेश गुप्ता जी के द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्षा प्रोफेसर प्रज्ञा अग्रवाल जी द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। प्रोफेसर कटियार जी के प्रति आभार व्यक्त किया गया, साथ ही विभाग की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।