महर्षि वाल्मीकि जयंती

डीबीएस कॉलेज कानपुर संस्कृत विभाग द्वारा दिनांक 17/10/2024 को महर्षि वाल्मीकि जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ ।कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्षा ने महर्षि वाल्मीकि के आदि ग्रंथ रामायण के महत्व प्रकाश डालते हुए कहा कि आज रामायण केवल एक महाकाव्य नहीं है अपितु एक धर्म ग्रंथ बन चुका है। इस रचना के केंद्रीय पात्र श्री राम का चरित्र मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में संपूर्ण विश्व में संपूर्ण मानव के चरित्र का मानक बन चुका है ।श्री राम श्रेष्ठ भाई ,श्रेष्ठ राजा ,श्रेष्ठ पति और सर्वश्रेष्ठ उद्धारक के रूप में समाज के लिए अनुकरणीय है । महर्षि वाल्मीकि ने अपने रामायण में समाज के उपेक्षित, वंचित वनवासी वर्ग के लोगों के वास्तविक शक्ति एवं बुद्धि कौशल तथा संघर्ष की गाथा लिखी है ,जिनकी एक एकजुटता ने असंभव कार्य सागर को बांधकर दुनिया के सबसे प्रतापी अजेय अमृत्व प्राप्त रावण का विध्वंस कर राम राज्य की स्थापना की। ऐसे अनुकरणीय महाकाव्य के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि जी को शत-शत नमन। विभाग की अध्यापिका डॉक्टर प्रत्यूष वात्सल्य द्विवेदी ने महर्षि वाल्मीकि का ग्रंथ रामायण में प्रकाश डालते हुए कहा कि यह ग्रंथ संस्कारों को उद्घाटित करता है तथा मानव को व्यवहार ज्ञान की शिक्षा देता है कि गुरु का शिष्य से, भाई का भाई से माता-पिता का संतान के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए एक आदेश ग्रंथ रूप है।संस्कृत के सभी क्षेत्रों ने इस कार्यक्रम से विभाग के सभी बच्चों ने महर्षि वाल्मीकि पर अपनी प्रस्तुति दी, जिसमें संस्कृत परिषद की उपाध्यक्षा महालक्ष्मी ने कविता द्वारा सभी के मन को आकर्षित किया।

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