आज दिनांक 24/10/2024 को डी बी एस महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा ” “*भारतीय ज्ञान परम्परा के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: एक विमर्श”* नामक विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.अनिल कुमार मिश्रा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि नई शिक्षा नीति अभी अपने संक्रमण काल से गुजर रही हैं इसे सफल होने में थोड़ा समय लग सकता हैं। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप में पधारे बी एस एन पी महाविद्यालय के प्रो जय शंकर पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत में शिक्षा की परंपरा अति प्राचीन हैं। नालंदा, तक्षशिला आदि विश्वविद्यालयों में विदेशों से भी छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे। विदेशी आक्रमणकारियों के प्रभाव से भारतीय ज्ञान परम्परा की गति कुछ प्रभावित हुई लेकिन नई शिक्षा नीति ने फिर से भारत को वैश्विक जगत में शीर्ष स्थान दिलाने के लिए शिक्षा को व्यक्तित्व के बहुमुखी विकास से जोड़ा गया है। आपने आजरण को प्राथमिक ज्ञान तथा शैक्षिक ज्ञान को द्वितीयक ज्ञान कहा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो.राजीव सिंह ने नई शिक्षा नीति को रोजगारपरक एवं भविष्योन्मुखी बताया। कार्यक्रम में विभाग की डॉ. हेमलता सांगुरी, डॉ जगदीप दिवाकर, डॉ प्रतिभा सिंह, बी एड के विभागाध्यक्ष प्रो सुनील उपाध्याय, डॉ आलोक श्रीवास्तव, डॉ प्रवीण सिंह, डॉ कौशलेंद्र तिवारी, डॉ शिव नारायण सिंह, डॉ सौम्यदीप भट्टाचार्य एवं छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।